THE SMART TRICK OF SIDH KUNJIKA THAT NOBODY IS DISCUSSING

The smart Trick of sidh kunjika That Nobody is Discussing

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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥

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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥

On chanting generally, Swamiji states, “The greater we recite, the greater we pay attention, and the greater we attune ourselves to the vibration of what is getting claimed, then the greater we will inculcate that Mindset. Our intention amplifies the Frame of mind.”

ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो click here जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.

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